एक भारत श्रेष्ठ भारत (EBSB) 2020-21 वर्चुअल मोड के माध्यम से
ईबीएसबी भाषा सीखना (PPT)
इतिहास, लोग, भोजन, संस्कृति, ऐतिहासिक और पर्यटन स्थल (PPT)
तस्वीरें - 2019 - 20
तस्वीरें - 2018 - 19
दृष्टिकोण : "सरदार पटेल जी ने हमें 'एक भारत' दिया। अब यह 125 करोड़ भारतीयों का सामूहिक कर्तव्य है कि सामूहिक रूप सेइसे 'श्रेष्ट भारत' (सबसे प्रमुख भारत) बनाना है। हम सब सरदार साहिब के जीवन और योगदान से प्रेरणा ले कर ऐसा कर सकते हैं। "
नरेंद्र मोदी, प्रधान मंत्री
सरदार वल्लभभाई पटेल की 140वीं जयंती के अवसर पर 31 अक्टूबर, 2015 को माननीय प्रधानमंत्री ने "एक भारत श्रेष्ठ भारत" की घोषणा की थी, इसके बाद, वित्त मंत्री ने 2017-18 के लिए अपने बजटीय भाषण में इन पहलों के बारे में घोषणाएं की। इस अभिनव उपाय के माध्यम से, विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की संस्कृति, परंपराओं और प्रथाओं के ज्ञान से राज्यों के बीच एक बेहतर समझ और जुड़ाव होगा, जिससे भारत की एकता और अखंडता को मजबूत किया जा सकेगा।
कार्यक्रम के तहत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सम्मिलित किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों की जोड़ी बनाई जाएगी और ये जोड़ी एक वर्ष, या जोड़ी के अगले दौर की घोषणा तक प्रभावी होंगी। राज्य स्तर की गतिविधियों के लिए राज्य / केंद्रशासित प्रदेश स्तर की जोड़ी का उपयोग किया जाएगा। जिला स्तर की जोड़ी, राज्य स्तर की जोड़ी से स्वतंत्र होगी, इस प्रकार लोगों को संस्कृति, पर्यटन, भाषा, शिक्षा, व्यापार इत्यादि के क्षेत्रों में आदान-प्रदान के माध्यम से जोड़ा जा सकेगा और बड़ी संख्या में राज्य / केंद्रशासित प्रदेशों के नागरिक देश की सांस्कृतिक विविधता का अनुभव करने में सक्षम होंगे, यह महसूस करते हुए कि भारत एक है।
पहलों के व्यापक उद्देश्य इस प्रकार हैं:-
1. हमारे राष्ट्र की विविधता में एकता के गौरव को महसूस करें और हमारे देश के लोगों के बीच परंपरागत रूप से मौजूदा भावनात्मक बंधनों के संबंधों को बनाए रखने मेंमजबूती प्रदान करना।
2. राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देना के लिएएक वार्षिक योजनाबद्ध भागीदारी के माध्यम से सभी राज्यों एवंकेंद्र शासित प्रदेश के बीच एक गहन और ढांचेगत भागीदारी का निर्माण करना।
3. लोगों को प्रांत की समृद्ध विरासत और संस्कृति, रीति-रिवाजों और परंपराओं से अवगत करानाजिससे वे भारत की विविधता के बारे में लोगों को समझाने और उनकी सराहना करने के योग्य बनें, इसी प्रकार सेसंयुक्त पहचान को अंगीकार करने को बढ़ावा देना।
4. दीर्घकालिक भागीदारी का निर्माण करना तथा
5. एक ऐसा वातावरण बनाना जो राज्यों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभवों को साझा करके शिक्षण को बढ़ावा देता हो।